पैसा नहीं था एक जेब में, पर्स तो घर पर ही गया था मैं भूल। रिपेयरिंग का भुगतान हो कैसे? उधार करने ... पैसा नहीं था एक जेब में, पर्स तो घर पर ही गया था मैं भूल। रिपेयरिंग का भुगतान...
जिंदगी किस डगर पर चली धोखा खा दर्द के संग चली। जिंदगी किस डगर पर चली धोखा खा दर्द के संग चली।
भ्रष्टों का मंथन करने को। भ्रष्टों का मंथन करने को।
गरजे जब बादल, तो बरसने में वक्त लगता है। गरजे जब बादल, तो बरसने में वक्त लगता है।
जिसमे धीरज हो भरपूर और मंज़िल की चाह हो , वो पार कर ही लेता है हर बाधा और उसे उसका मुकाम मिलती है ज़रू... जिसमे धीरज हो भरपूर और मंज़िल की चाह हो , वो पार कर ही लेता है हर बाधा और उसे उसक...
दुःख कौन किसका बांटे आँसू सबके नैना में दुःख कौन किसका बांटे आँसू सबके नैना में